Section 337 BNS |Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 बीएनएस धारा 337 क्या है ?

Section 337 (BNS) Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 Definition & Punishment

Section 337 BNS 2023

Section 337 BNS 2023 is Forgery of record of Court or of public register, etc. According to BNS Section 337, when a person is found forging a document or electronic record issued by a court or by the government, then that person will be considered guilty of Section 337 BNS 2023.

According to BNS section 337, court documents include those documents which are instructions or decisions issued by the court in relation to a case and government documents include those documents which are issued in the official capacity of a public servant appointed by the government. Any document which has been made in any way, such as a person’s Aadhaar Card, Birth Certificate, Death Certificate or Marriage Certificate, etc., is a person who commits fraud by altering such documents for his own benefit and that person uses these forged documents to file a case. If someone starts or uses it in his own defence, then it falls under the category of crime under section 337.

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस 2023 ) धारा 337 क्या है ?

बीएनएस धारा 337 के अनुसार जब कोई व्यक्ति किसी न्यायलय से या सरकार द्वारा जारी किये गये दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक रिकार्ड कि जालसाजी करता हुआ पाया जाता है तो वह व्यक्ति धारा 337 बीएनएस 2023 का दोषी माना जाएगा।

BNS Section 337 के अनुसार न्यायलय के दस्तावेजों के अंदर वो दस्तावेज शामिल है जो न्यायलय द्वारा किसी मुकदमें के संबंध में जारी किए हुए निर्देश होते है या फैसले होते है तथा सरकारी दस्तावेज के अंतर्गत वे दस्तावेज शामिल है जो सरकार द्वारा नियुक्त कि लोक सेवक की आधिकारिक क्षमता में बनाया गया हो जैसे किसी व्यक्ति का आधार कार्ड , जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र या विवाह सर्टिफिकेट आदि शामिल है इस प्रकार के दस्तावेज को कोई व्यक्ति अपने फायदे के फेरबदल करके जालसाजी करता है तथा वह व्यक्ति इन जाली दस्तावेज का प्रयाेग किसी केस को शुरु करने या अपने बचाव में प्रयोग करता है तो वह धारा 337 के तहत अपराध की श्रैणी में आता है।

यह भी जानेंः- भारतीय न्याय संहिता 2023 धारा 332 के अपराध करने पर सजा क्या है ?

Punishment under BNS Section 337 (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 )

According to BNS 2023, whoever is found violating Section 337 will be considered guilty and there is a provision in Section 337 to punish that person with imprisonment up to seven years and can be punished with fine or both.

भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) धारा 337 के अपराध पर सजा क्या है ?

बीएनएस 2023 के अनुसार जो कोई धारा 337 का उलंगन करता हुआ पाया जाता है तो वह दोषी माना जाएगा और उस व्यक्ति को सात साल तक के कारावास की सजा से दंडित करने धारा 337 में प्रावधान है व जुर्माने से दंडित किया जा सकता है या दोनों से।

Note:- BNS 2023 Section 337 “Forgery of record of Court or of public register, etc.” was earlier IPC Section 466.

नोट:- भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 337 का पहले भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 466 में विस्तृत वर्णन मिलता था।

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