Section 298 (BNS) Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 Definition & Punishment
Section 298 BNS 2023 is Injuring or defiling place of worship, with intent to insult the religion of any class. According to bns section 298 if Whoever destroys, damages, or defiles any place of worship, or anything held sacred by any class of people, with the expectation that the religion of any class of people will thereby be injured or known to be That some class of people would possibly think like this. For causing such destruction, harm, or pollution as an insult to his religion, the person committing the offense shall be punished with imprisonment for a term which may extend to two years, with fine, or with both.
भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) धारा 298 क्या है व बीएनएस धारा 298 के अपराध पर सजा क्या है ?
Section 298 BNS 2023 जो कोई किसी पूजा स्थल या किसी भी वर्ग के लोगों द्वारा पवित्र मानी जाने वाली किसी भी चीज़ को नष्ट, नुकसान पहुंचाएगा या अपवित्र करेगा, इस उम्मीद के साथ कि इससे किसी भी वर्ग के लोगों का धर्म घायल हो जाएगा या ज्ञात होगा कि कुछ वर्ग के लोग संभवतः ऐसा विचार करेंगे। अपने धर्म के अपमान के रूप में इस तरह के विनाश, नुकसान या प्रदूषण का कारण बनने पर, अपराध करने वाले व्यक्ति को दो साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों से दंडित किया जाएगा।
यह भी जानेंः- भारतीय न्याय संहिता 2023 धारा 295 क्या है व बीएनएस धारा 295 के अपराध पर सजा क्या है?
Note:- BNS 2023 Section 298 “Injuring or defiling place of worship, with intent to insult the religion of any class” was earlier IPC Section 295.
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