Section 156 (BNS) Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 Definition & Punishment
Section 156 BNS 2023 is Aiding escape of rescuing or harbouring such prisoner. According to Bns section 156 if any person who knowingly assists any prisoner of state or war to escape from lawful custody, or rescues or attempts to rescue such prisoner of war, or harbors such prisoner of war who has escaped from lawful custody. or conceals, or offers or attempts to offer, and resists the repossession of such prisoner, shall be liable to imprisonment for life or to imprisonment of any kind for a term not exceeding ten years, and shall also be liable to fine.
भारतीय न्याय संहिता 2023 धारा 156 क्या है ?
Section 156 BNS 2023 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर किसी राज्य या युद्ध कैदी को वैध हिरासत से भागने में सहायता करता है, या ऐसे युद्ध कैदी को बचाता है या छुड़ाने का प्रयास करता है, या ऐसे युद्ध कैदी को आश्रय देता है जो वैध हिरासत से भाग गया है। या छुपाता है, या पेशकश करता है या पेशकश करने का प्रयास करता है, और ऐसे कैदी को वापस लेने का विरोध करता है, तो उसे आजीवन कारावास या दस साल से अधिक की अवधि के लिए किसी भी प्रकार के कारावास की सजा दी जाएगी, और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा।
Note:- IPC Section 130 “Aiding escape of rescuing or harbouring such prisoner” is replace by Section 156 BNS 2023.
यह भी जानेंः- भारतीय न्याय संहिता 2023 धारा 155 के अपराध पर सजा क्या है ?
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