Section 117 BNS |Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 धारा 117 क्या है?

Section 117 (BNS) Bharatiya Nyaya Sanhita 2023 Definition & Punishment

Section 117 BNS 2023

Section 117 BNS 2023 is Voluntarily causing hurt or grievous hurt to extort confession, on to compel restoration of property.

  1. According to BNS section 117 Voluntarily inflicting bodily harm with the intent to extort property or securities from the victim or any person having an interest in the victim or from the victim or any person having an interest in the victim for the purpose of extortion of any kind; may be unlawful or facilitate the commission of coercive acts. The crime is punishable by up to 10 years in prison and a fine.

Note:- IPC Section 330  “Voluntarily causing hurt or grievous hurt to extort confession, on to compel restoration of property.” is replace by Section 117 BNS 2023.

भारतीय न्याय संहिता 2023 धारा 117 क्या है व सजा क्या है ?

Section 117 BNS 2023 के अनुसार किसी भी प्रकार की जबरन वसूली के उद्देश्य से पीड़ित या पीड़ित में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति से या पीड़ित में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति से संपत्ति या प्रतिभूतियों को निकालने के इरादे से स्वेच्छा से शारीरिक नुकसान पहुंचाना। गैरकानूनी हो सकता है या जबरदस्ती कृत्य करने में सहायक हो सकता है। इस अपराध के लिए 10 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

2. According to BSN Section 117 if a person who intentionally causes serious injury for any of the purposes mentioned in subsection (1) shall be punished with imprisonment for life or with imprisonment of any kind for a maximum of 10 years and shall also be liable to a criminal fine.

धारा 117 भारतीय न्याय संहिता 2023 के अनुसार कोई व्यक्ति जो उपधारा (1) में उल्लिखित किसी भी उद्देश्य के लिए जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाता है, उसे आजीवन कारावास या अधिकतम 10 साल के लिए किसी भी प्रकार के कारावास से दंडित किया जाएगा और आपराधिक जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा।

यह भी जानेंः- धारा 116 भारतीय न्याय संहिता 2023 क्या है ?

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